रासायनिक बलगतिकी नोट्स - रसायन विज्ञान Class 12th Notes
उत्तर- रासायनिक बलगतिकी विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत रासायनिक क्रियाविधि क्रिया दर तथा अभिक्रिया से संबंधित प्रभावित करने वाले कारकों के गुणों का अध्ययन किया जाता है
प्रश्न- अभिक्रिया दर को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- अभिक्रिया दर - इकाई समय अंतराल में अभिकारक की सुंदरता में हुए परिवर्तन को अभिक्रिया दर कहते हैं।
प्रश्न- प्रथम कोटि अभिक्रिया का वेग स्थिरांक 200s s-1 है, उसका अर्धआयु काल ज्ञात कीजिए।
t ½ = 0.693/ K
दिया है - K = 200 S -1
t ½ = 0.693/ 200 = 3.465 x 10 -3 sec
प्रश्न- प्रथम कोटि अभिक्रिया क्या है?
उत्तर- ऐसी अभिक्रिया जिसके दर नियम में अभिकारक की सांद्रता पद की घात एक वह प्रथम कोटि अभिक्रिया कहलाती है।
प्रथम कोटि अभिक्रिया के अर्ध आयु काल का व्यंजक स्थापित कीजिए।
K = 0.693 / t ½
क्योंकि इसमें सुंदरता से संबंधित पद अनुपस्थित है अतः प्रथम कोटि अभिक्रिया का अर्धआयु काल सांद्रण पर निर्भर नहीं करता ।
प्रश्न- अभिक्रिया आणविकता से आप क्या समझते हैं।
उत्तर- छदम प्रथम कोटि अभिक्रिया वे अभिक्रियाएं जो देखने में द्वितीय कोटि की प्रतीत होती है परंतु वास्तविकता में प्रथम कोटि कीअभिक्रिया होती हैं, छदम प्रथम कोटि अभिक्रिया कहलाती है।
प्रश्न- देहली ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर- ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा जो अभिकारक अणुओं के पास होनी चाहिए जिससे प्रभावी टक्कर के फल स्वरुप में उत्पाद में परिवर्तित हो सके इसे देहली ऊर्जा कहते हैं ।
देहली उर्जा = सक्रियण ऊर्जा + अभिकारक अणुओं द्वारा रखी गई ऊर्जा
प्रश्न- अभिक्रिया आणविकता से आप क्या समझते हैं।
उत्तर- किसी अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणुओं , परमाणुओं या आयनों की संख्या अभिक्रिया की आणविकता कहलाती है।
प्रश्न- K = 2.3 x 10-5 L mol -1 s-1 हो तो अभिक्रिया की कोटि क्या होगी।
उत्तर- अभिक्रिया के वेग स्थिरांक K के दिए गए मान में इकाई है जो mol-1 sec -1 कोटि अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की इकाई होती है। अतः अभिक्रिया की कोटि 2 है।
प्रश्न- सक्रियण ऊर्जा को परिभाषित कीजिए
उत्तर- अभिकारक अणुओं में आद्य अवस्था में उपस्थित ऊर्जा के अलावा वह न्यूनतम अतिरिक्त ऊर्जा जो उनकी प्रभावी टक्कर के लिए आवश्यक होती है सक्रियण उर्जा कहलाती है।
प्रश्न- अभिक्रिया का दर य वेग नियम क्या है?
दर नियम- वह नियम जो प्रायोगिक तत्वों के आधार पर अभिक्रिया धरके अभिकारक की सांद्रता पर निर्भर को व्यक्त करता है, दर नियम कहलाता है।
रासायनिक अभिक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक इस प्रकार हैं-
- अभिकारको की सांद्रता - अभिकारको की सांद्रता के साथ साथ अभिक्रिया दर में कमी आती है।
- क्रियाकारको की सतह का क्षेत्रफल- क्रियाकारको की सतह का क्षेत्रफल जितना अधिक होता है। अभिक्रिया का वेग उतना ही अधिक होता है।
- अभिक्रिया का ताप - सामान्यतः अभिक्रिया का ताप बढ़ाने पर अणुओं की गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है,जिसके कारण वेग में वृद्धि होती है।
अभिक्रिया की कोटि | अभिक्रिया की अणुसंख्यता |
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| 2. यह प्रायोगिक तथ्य है। |
| 3. यह हमेशा पूर्ण संख्या होती है। |
प्रश्न- प्रथम कोटि की अभिक्रिया को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर- ऐसी अभिक्रिया जिसके दर व्यंजक में सांद्रण दर पर उपस्थित धात एक होती है प्रथम कोटि अभिक्रिया कहलाती है ।
उदा. अमोनिया नाइट्रेट का वियोजन-
NH4 NO2 = N2 + 2H2.Oशून्य कोटि की अभिक्रिया अर्ध आयु काल के लिए व्यंजक स्थापित कीजिए।
r1 = K [A] [B] 2
B का सांद्रण दुगना करने पर अर्थात B = 2B
r2 = K [A] [2B] 2
r1 / r2 = ¼
अतः r2 = 4 r1
अर्थात अभिक्रिया वेग 4 गुना हो जाएगा
प्रश्न- आरहीनियस समीकरण समीकरण लिखकर उसकी दो उपयोगिता लिखिए।
उत्तर- आर्हिनियस समीकरण-
K = Ae-Ea/RT
जहाँ - K = दर स्थिरांक
A = आर्हिनियस समीकरण
Ea = संक्रियण उर्जा
T = ताप
आरहीनियस समीकरण समीकरण की उपयोगिता-
उत्तर- संघट्टआवृत्ति- अभिक्रिया मिश्रण के प्रति इकाई आयतन में प्रति सेकंड होने वाली टक्करों की संख्या संघट्ट आवृत्ति कहलाती है। इसे Z प्रदर्शित करते हैं।
इसका वेग से निम्न संबंध होता है-
वेग= ZABe-Ea/RT